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Winter Weight Loss
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Winter Weight Loss: बढ़ती ठंड में वजन घटाने के लिए घर पर करें ये एक्सरसाइज, मोटापा होगा कम, हार्ट रहेगा सेफ

Winter Weight Loss: सर्दियों में खुद को फिट रखना एक चुनौती हो सकती है. ठंड के मौसम में लोग अक्सर एक्सरसाइज और वॉक से बचते हैं, जिससे शरीर का वजन बढ़ने और दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. डॉक्टर्स भी कड़ाके की ठंड में ज़्यादा भारी-भरकम एक्सरसाइज़ करने से बचने की सलाह देते हैं. लेकिन घर पर ही कुछ आसान और प्रभावी एक्सरसाइज़ कर के आप न केवल अपना वजन घटा सकते हैं, बल्कि हार्ट की हेल्थ को भी बेहतर बना सकते हैं. आइए जानते हैं सर्दियों में फिट और एक्टिव रहने के लिए कौन-कौन सी cardio exercises आपके लिए बेस्ट हो सकती हैं. रस्सी कूदना (Skipping Rope Winter Weight Loss) रस्सी कूदना न केवल वजन घटाने के लिए एक बेहतरीन विकल्प है, बल्कि यह दिल को भी स्वस्थ रखता है. जो लोग रोजाना 20 मिनट रस्सी कूदते हैं, वे 200-250 कैलोरी तक बर्न कर सकते हैं. यह मेटाबॉलिज्म को तेज करता है और शरीर में ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाता है.  नियमित रूप से 10 मिनट रस्सी कूदने से हार्ट अटैक और अन्य हृदय संबंधी बीमारियों का खतरा कम होता है. इसके अलावा, यह स्टैमिना बढ़ाने और मोटापा कम करने का भी एक शानदार तरीका है. जंपिंग जैक (Jumping Jacks) जंपिंग जैक एक क्लासिक cardio exercise है, जो शरीर को पूरी तरह से सक्रिय करता है. इसे आप आसानी से घर पर कर सकते हैं. यह दिल को स्वस्थ रखने के साथ-साथ शरीर की अतिरिक्त कैलोरी को बर्न करता है. जंपिंग जैक करने से आपकी मसल्स स्ट्रॉन्ग होती हैं और यह आपके शरीर को टोन करने में मदद करता है. यह एक्सरसाइज़ किसी भी घरेलू फिटनेस रूटीन का महत्वपूर्ण हिस्सा हो सकती है. बर्पी (Burpees) बर्पी एक फुल-बॉडी वर्कआउट है, जो हृदय गति को तेज़ी से बढ़ाता है। यह मांसपेशियों को मजबूत करता है और शरीर के समग्र कामकाज को बेहतर बनाने में मदद करता है। इसे रोजाना अपनी एक्सरसाइज़ रूटीन में शामिल करें ताकि आप ताकत, सहनशक्ति और चपलता (agility) को विकसित कर सकें. बर्पी करने से कैलोरी तेजी से बर्न होती है. सर्दियों में खुद को फिट रखना मुश्किल नहीं है। अगर आप घर पर रहते हुए रस्सी कूदना, जंपिंग जैक और बर्पी जैसी home workouts को अपनी दिनचर्या में शामिल करेंगे, तो आपका वजन कम होगा और दिल की सेहत भी दुरुस्त रहेगी। तो ठंड का बहाना छोड़ें और फिटनेस को अपनी प्राथमिकता बनाएं.

Fitness Tips For Women
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Fitness Tips For Women: 40 साल की उम्र के बाद महिलाओं को करना चाहिए यह काम, वजन में नहीं होगा इजाफा c

Fitness Tips For Women: आजकल की महिलाएं (Women) अपने आप को फिट रखने के लिए खाने पीने तथा जीवन जीने के तरीको को फॉलो करती हैं. इसके बाद भी 40 साल की होने के बाद शरीर का वजन तेजी से बढ़ने लगता है. विशेषकर बेली फैट और कमर के आसपास चर्बी जमा होने लगती है. जिसकी वजह से बॉडी मोटी हो जाती है. ऐसे में महिलाएं एक्सरसाइज करना शुरू कर देती हैं. लेकिन गलत एक्सरसाइज की वजह से शरीर में चोट लगने का भी डर बना रहता है. ऐसे में जरूरी है कि सही फिटनेस रूटीन को फॉलो किया जाए. यदि आप 40 साल के होने के बाद शरीर में बढ़ रहे फैट से परेशान हो गई हो तो इन टिप्स को फॉलो करें, प्रोटीन की मात्रा बढ़ा दें(Fitness Tips For Women) पेट के निचले हिस्से के आसपास जमा हो रही चर्बी को दूर करना चाहती हो तो अपने खाने में प्रोटीन की मात्रा को बढ़ा दें तथा दिनभर में रुक रुक कर थोड़ा बहुत खाते रहे. इससे बार-बार लगने वाली भूख कम लगेगी. साथ ही साथ थोड़ा-थोड़ा खाने से खाना आसानी से डाइजेस्ट होगा और मेटाबॉलिज्म भी बढ़ेगा. हर्बल टी है जरूरी अगर आपको खाने के बाद भी कुछ खाने का मन करने लगता है तो हर्बल टी पिएं।नींबू पानी,ग्रीन टी या हर्बल टी स्नैकिंग की क्रेविंग को कम करने में मदद करेगी. कॉर्डियो एक्सरसाइज करें प्रतिदिन व्यायाम करें।साइकिलिंग,रनिंग,एक्सराइज एरोबिक्स जैसे चर्बी को कम करने वाले व्यायामों को अवश्य करे. प्रतिदिन 45 मिनट से लेकर 60 मिनट तक व्यायाम अवश्य करे. तेज वॉक से पड़ेगा असर अगर आप वॉक करती हैं तो हर 2-4 मिनट में तेज वॉक करें। वॉक करने की स्पीड बढ़ाकर चलने के बाद घटाएं. ये तकनीक वजन को कंट्रोल रखने में मदद करेगी. पूरे 30 मिनट की वॉक करने के बाद इसे रिपीट करते रहें. वजन जरूर उठाएं 40 साल के बाद अपने आप को मजबूत रखना है तो हफ्ते में कम से कम दो दिन वजन जरूर उठाएं।वजन उठाने से कमर के पास का फैट घटने में मदद मिलेगी. इसके अलावा बोज पोज योगासन और क्रिस क्रास लेग रेज जैसी एक्सरसाइज लोअर बॉडी फैट को कम करने में मदद करेगी.

Winter Immunity Magnesium Foods
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Winter Immunity Magnesium Foods: सर्दियों में इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए खाएं ये Magnesium-Rich Foods, डाइट में जरूर करे शामिल

Winter Immunity Magnesium Foods: सर्दियों के मौसम में इम्यूनिटी को मजबूत बनाए रखना बेहद जरूरी है, ताकि आप बीमारियों और संक्रमण से बच सकें. हमारे शरीर को हेल्दी रहने के लिए कई पोषक तत्वों की जरूरत होती है, और मैग्नीशियम उनमें से एक है. यह न केवल इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है, बल्कि मांसपेशियों और हड्डियों को भी स्वस्थ रखने में मदद करता है. इस लेख में हम उन Magnesium-Rich Foods के बारे में बात करेंगे, जिन्हें डाइट में शामिल करके आप अपनी इम्युनिटी को बेहतर बना सकते हैं. 1. बादाम(Winter Immunity Magnesium Foods) बादाम पोषण का खजाना है और इसे डाइट में शामिल करना सर्दियों में बेहद फायदेमंद साबित होता है। यह न केवल Brain Health के लिए अच्छा है, बल्कि मैग्नीशियम का एक बेहतरीन स्रोत भी है. रोजाना 5-7 बादाम खाने से शरीर की ऊर्जा बनी रहती है और ठंड के मौसम में थकान महसूस नहीं होती. इसके साथ ही यह दिल को स्वस्थ रखता है और इम्यूनिटी को मजबूत करता है. 2. ब्लैक बीन्स ब्लैक बीन्स प्रोटीन और फाइबर से भरपूर होती हैं, जो शरीर को लंबे समय तक ऊर्जावान बनाए रखने में मदद करती हैं. इनमें मौजूद मैग्नीशियम आपके Energy Production को बढ़ाता है और पाचन तंत्र को दुरुस्त रखता है. इसे सलाद, सूप या करी के रूप में डाइट में शामिल कर सकते हैं. सर्दियों में ब्लैक बीन्स आपकी इम्युनिटी को बढ़ाने का बेहतरीन जरिया हैं. 3. चिया सीड्स चिया सीड्स को अक्सर वेट लॉस के लिए डाइट में शामिल किया जाता है, लेकिन यह Winter Immunity Foods का भी हिस्सा होना चाहिए. यह मैग्नीशियम का अच्छा स्रोत है, जो हड्डियों को मजबूत और शरीर को ऊर्जा से भरपूर रखता है. इसे स्मूदी, ओट्स या दही के साथ मिक्स करके आसानी से खाया जा सकता है. 4. पालक और मूंगफली हरी सब्जियां जैसे पालक सर्दियों में सुपरफूड का काम करती हैं. इसमें आयरन के साथ-साथ भरपूर मात्रा में मैग्नीशियम पाया जाता है, जो मांसपेशियों और हड्डियों को स्वस्थ रखता है. वहीं, मूंगफली भी एक आसान और सस्ता विकल्प है. यह न केवल Nerve Function को बेहतर बनाती है, बल्कि सर्दियों में शरीर को गर्म और एनर्जेटिक बनाए रखती है. इन Magnesium-Rich Foods को डाइट में शामिल करें और इस सर्दी अपनी इम्युनिटी को बूस्ट करें. हेल्दी डाइट अपनाकर आप बीमारियों से बच सकते हैं और शरीर को सेहतमंद बनाए रख सकते हैं.

AI Herbal Medicine Treatment
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AI Herbal Medicine Treatment: AI से जड़ी-बूटियों का इलाज, विशेषज्ञों ने बताया कैसे होगा यह संभव

AI Herbal Medicine Treatment: आयुर्वेद में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और मशीन लर्निंग (ML) के समावेश से जड़ी-बूटियों से इलाज की दुनिया में एक नया मोड़ आएगा. देहरादून में आयोजित विश्व आयुर्वेद कांग्रेस में विशेषज्ञों ने यह स्पष्ट किया कि AI के आने से आयुष चिकित्सकों का भविष्य प्रभावित नहीं होगा. आपको बता दे कि इस अवसर पर आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने कहा कि केंद्र सरकार आयुष क्षेत्र में डिजिटल ढांचे को विकसित करने पर काम कर रही है, जिससे सभी हितधारकों को लाभ मिलेगा. उन्होंने बताया कि आयुर्वेद के अनुसार, हर व्यक्ति की प्रकृति अलग होती है. AI व ML तकनीक स्वास्थ्य प्रोफाइल का विश्लेषण कर उपचार और आहार की सिफारिश कर सकते हैं. आईआईटी जोधपुर और आयुष मंत्रालय मिलकर एआई पर काम कर रहे हैं, जिससे बीमारी के निदान और इलाज को और प्रभावी बनाया जा सकेगा. इस सत्र में डॉ. प्रीति छाबड़ा और डॉ. राकेश नारायण ने भी अपने विचार साझा किए. डिजिटल तकनीकी (AI Herbal Medicine Treatment) डिजिटल तकनीकी के माध्यम से हर्बल उत्पादों की मार्केटिंग और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स आयुष उत्पादों को वैश्विक बाजार में लाने का नया अवसर प्रदान करेंगे. ई-संजीवनी जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म से आयुष विशेषज्ञ अब दूरस्थ क्षेत्रों में भी इलाज कर सकेंगे, जिससे अधिक लोगों तक पहुंच संभव हो पाएगी. इसके अलावा, फिटनेस ट्रैकर्स और आयुर्वेदिक सिद्धांतों को जोड़कर, व्यक्ति को उनकी दिनचर्या, आहार और योगासनों के बारे में सटीक मार्गदर्शन दिया जा सकता है, जो उनके स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करेगा. इससे आयुष क्षेत्र को और भी विस्तार मिलेगा. काम में तनाव कम करने की नई पहल कोटेचा ने वाई-ब्रेक पहल पर चर्चा की, जो कर्मचारियों को काम के दौरान कुछ समय के लिए ब्रेक लेने का अवसर प्रदान करती है. इस पहल के दौरान, कर्मचारियों को योग मुद्राओं, सांस लेने की तकनीकों और ध्यान के माध्यम से तनाव कम करने की मदद दी जाती है. कोटेचा ने बताया कि यह पहल पहले ही दस लाख से अधिक कर्मचारियों को आकर्षित कर चुकी है और इसके सकारात्मक परिणाम देखने को मिले हैं. वाई-ब्रेक कर्मचारियों को मानसिक शांति और ताजगी प्रदान करने के लिए एक प्रभावी उपाय बन चुकी है.

Important Eating Habits for Health
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Important Eating Habits for Health: खाने के दौरान इन बातों का रखें ध्यान, वरना करना पड़ सकता है गंभीर बीमारी का सामना

Important Eating Habits for Health: आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में स्वस्थ आहार को बनाए रखना बेहद जरूरी हो गया है. विशेषज्ञों का कहना है कि अगर हम हर दिन अलग-अलग रंग की सब्जियां खाते हैं, तो हमारी सेहत को भरपूर लाभ मिल सकता है. रंग-बिरंगे फल और सब्जियां विटामिन, खनिज, और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होती हैं, जो शरीर के लिए आवश्यक होते हैं. इनका सेवन न केवल हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाता है, बल्कि त्वचा, हड्डियों और मस्तिष्क के लिए भी फायदेमंद होता है. हरी सब्जियों के फायदे हरी सब्जियां जैसे पालक, सरसों और बथुआ आयरन, फाइबर, विटामिन B और C से भरपूर होती हैं, जो शरीर में ऊर्जा और ताजगी बनाए रखते हैं. डॉक्टरों का मानना है कि अगर हम इनका नियमित सेवन करें, तो यह हमारी सेहत को बेहतर बनाए रखने में मदद करता है. विशेष रूप से सीजनल सब्जियों का सेवन करना ज्यादा फायदेमंद(Important Eating Habits for Health)है, क्योंकि इनमें कम पेस्टिसाइड और केमिकल फर्टिलाइजर का इस्तेमाल होता है, जिससे यह ताजगी और पोषक तत्वों से भरपूर रहती हैं साग-सब्जियों को सही तरीके से खाना(Important Eating Habits for Health) विशेषज्ञों के अनुसार, सब्जी की ग्रेवी में रोटी का टुकड़ा डुबाकर खाना स्वास्थ्य के लिए सही नहीं होता। हर बाइट में चावल या चपाती के मुकाबले सब्जी की मात्रा अधिक होनी चाहिए. हरी सब्जियों में मौजूद विटामिन B और C को शरीर स्टोर नहीं कर पाता, इसलिए इन्हें रोजाना सेवन करना जरूरी है. आलू में भी स्टार्च की भरपूर मात्रा होती है, इसलिए इसे चावल और रोटी के समान सेवन किया जा सकता है. साग-सब्जियों को कैसे खाएं (Important Eating Habits for Health) सब्जियों को खरीदने के बाद, सबसे पहले उन्हें पानी की तेज धार में अच्छे से धो लें और उलटते रहें. इसके बाद, गुनगुने पानी में नमक या विनेगर डालकर 10 से 15 मिनट तक रखें. इससे सभी कीटाणु और अशुद्धियां निकल जाती हैं और उनका पोषण सुरक्षित रहता है. खासतौर पर पत्तेदार सब्जियों जैसे बंद गोभी और पालक को सलाद के रूप में खाने से पहले इन्हें अच्छे से धोकर गुनगुने पानी में डुबोकर रखना चाहिए. सब्जियां खरीदने का सही तरीका कई लोग सप्ताह में एक दिन सब्जियां खरीदते हैं, लेकिन ताजगी का ध्यान रखना जरूरी है. मुरझाई सब्जियां कभी न खरीदें, और हमेशा ताजे उत्पादों को ही चुनें. सब्जियां दिन के समय खरीदें, क्योंकि अंधेरे में आर्टिफिशियल लाइट के कारण उनकी असली रंगत नहीं दिखाई देती। घर लाने के बाद, सब्जियों को अच्छी तरह पानी से धोकर साफ करें और उलटते रहें. सीजनल साग-सब्जियों का सेवन सेहत के लिए बेहद फायदेमंद है, क्योंकि इनमें पोषक तत्वों की भरपूर मात्रा होती है. इन्हें सही तरीके से पकाना और ताजगी का ध्यान रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है, ताकि हम इनका अधिकतम लाभ उठा सकें. स्वस्थ रहने के लिए हमें रोजाना रंग-बिरंगे फल और सब्जियां खानी चाहिए और पोषक तत्वों के सर्वोत्तम लाभ के लिए उन्हें सही तरीके से सेवन करना चाहिए.

How Farming Led to Earning Lakhs
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How Farming Led to Earning Lakhs: गुजरात का ये किसान PM मोदी की फेवरेट सब्जी उगा कर करता है लाखों की कमाई

How Farming Led to Earning Lakhs: गुजरात के पाटन जिले के राकेशभाई डेव पिछले नौ सालों से प्राकृतिक खेती कर रहे हैं और इससे उनकी आय दोगुनी हो गई है. 35 बीघा जमीन पर अनाज, दालों, प्याज और लहसुन जैसी सब्जियों कि प्राकृतिक खेती से उन्होंने अपनी जमीन को उर्वर और समृद्ध बना लिया है. राकेशभाई ने गाय आधारित खेती अपनाकर विषरहित अनाज कि उपलब्धता सुनिश्चित कि है. उनके इस सफल प्रयास को देखकर गांव के अन्य किसान भी प्राकृतिक खेती कि ओर रुख कर रहे हैं. राकेशभाई का कहना है कि वह पूरी जिंदगी प्राकृतिक खेती करेंगे. प्राकृतिक खेती में गायों का योगदान राकेशभाई डेव (Rakeshbhai Dave) ने प्राकृतिक खेती के लिए आठ देशी गायें पाली हैं, जिनका गोबर और गौमूत्र वह कृषि फसलों में इस्तेमाल करने के लिए ठोस जीवामृत बनाने में उपयोग करते हैं. यह ठोस जीवामृत गाय के गोबर और मूत्र के साथ अन्य पौधों से मिलाकर तैयार किया जाता है. राकेशभाई प्रत्येक 15 दिनों के अंतराल पर गाय के गोबर को सुखाकर इसे इकट्ठा करते हैं, और लगभग 35 दिनों में यह जीवामृत तैयार हो जाता है. आपको बता दे कि यह मिश्रण फसल(Mixed Farming) की स्थिति के अनुसार 15 से 21 दिन तक दिया जाता है, जिससे फसलों की गुणवत्ता और उत्पादन में वृद्धि होती है. इस प्राकृतिक और पारंपरिक उपाय से राकेशभाई की खेती में बेहतरीन परिणाम आ रहे हैं और उनकी भूमि भी उर्वर और समृद्ध बनी हुई है. उनका मानना है कि इस प्रक्रिया से न केवल फसलें, बल्कि मिट्टी भी स्वस्थ रहती है. इस तरह करते है खेती है कमाई राकेशभाई डेव ने पिछले दो सालों से सहजन, रयाडो और गेहूं कि खेती शुरू कि है और इस दौरान उन्होंने दो हजार सहजन पौधे लगाए हैं. आयुर्वेदिक दृष्टिकोण से सहजन स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है, इसलिए उन्होंने इस फसल पर विशेष ध्यान दिया. वह सहजन के पत्ते और सींग एक हर्बल कंपनी को बेचते हैं, जो इनसे पाउडर बनाती है. इस खेती से उन्हें सालाना एक लाख रुपये से अधिक कि अतिरिक्त आय हो रही है. सहजन की सब्जी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी पसंदीदा है, जिन्होंने इसे लेकर अपनी बात साझा की थी.

cold intolerance reason
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Cold Intolerance Reason: आपको भी लगती है सामान्य से ज्यादा ठंड, कहीं आप भी तो नहीं ठंड इनटोलरेंस का शिकार?

Cold Intolerance Reason: हर व्यक्ति का शरीर अलग है। जिन लोगों को गर्मी असहनीय लगती है, वे सर्द हवाओं से ठिठुरन महसूस करते हैं. इसलिए ठंड में सर्दी, जुकाम और जोड़ों में दर्द होता है. अगर आवश्यकता से अधिक ठंड महसूस करने और बहुत सारे लेयर्स पहनने की स्थिति को ठंड इन्टॉलरेंस कहा जाता है. ठंड के प्रति अधिक संवेदनशील लोगों को इस समस्या का सामना करना पड़ता है. जानें ठंडे इन्टॉलरेंस के कारण और इससे बचने के उपाय. ठंड लगने का खतरा खासतौर से उन लोगों को बना रहता है जिन्हें पुरानी स्वास्थ्य समस्याएं हैं या जिनके शरीर में वसा की कमी है. कपड़ों की लेसर्य को बढ़ाने, पोषण और स्वास्थ्य समस्याओं को कम करने और ठंडे इनटॉलरेंस को कम करने में मदद मिल सकती है. क्यों लगती है कुछ लोगों को इतनी ठंड (cold intolerance reason) 1-हाइपोथायरायडिज्म: हाइपोथायरायडिज्म भी ठंडे इनटॉलरेंस का एक बड़ा कारण है. हाइपोथायरायडिज्म होता है जब थायरॉयड ग्लैंड शरीर को आवश्यक थायरॉयड हार्मोन नहीं बना पाता है। वेट गेन और ठंड लगने की समस्या बनी रहती है. 2-खून की कमी: एनीमिया, या शरीर में स्वस्थ लाल ब्लड सेल्स की कमी, ठंड का कारण है. खून की कमी पीरियड के दौरान हैवी ब्लीडिंग, अच्छी तरह से खाने की कमी और आरबीसी बनाने में असमर्थ से होती है. ठंड लगना एनीमिया का पहला लक्षण है. खून की कमी हो सकती है जिसका कारण अनियमित मील खाना, बॉवल डिजीज, गर्भावस्था या रक्त की कमी हो सकती है. ऐसे में व्यक्ति को बेवजह थकान, कमजोरी, ठंडे हाथों और पैरों का अनुभव होता है. 3- विटामिन बी12 की कमी: शाकाहारी लोग विटामिन बी12 की कमी से पीड़ित होते हैं. ये अक्सर 50 वर्ष से अधिक उम्र वालों या गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल सर्जरी करवा चुके लोगों पर प्रभाव डालता है. ऐसे लोगों को ठंड लगने के अलावा कब्ज, दस्त, थकान, सांस लेने में तकलीफ और भूख न लगने का सामना करना पड़ता है. .4-डायबिटीज: डायबिटीज एक लाइफस्टाइल समस्या है जो तेजी से विकसित होती है. किडनी इससे प्रभावित होती है. यह समस्या डायबिटिक नेफ्रोपैथी कहलाती है. इससे ठंड लगने और नर्व डैमेज की समस्या बनी रहती है. इसके अलावा, ठंड से चेहरा, पैर और हाथ सूज जाते हैं. 5- नींद की कमी: स्लीप एंड थर्मोरेगुलेशन की एक रिपोर्ट के अनुसार, नींद की कमी सर्कैडियन क्लॉक को बाधित करती है, जो जागने और नींद का पैटर्न बदलना है. इससे हार्मोनल असंतुलन होता है, जो शरीर का तापमान बदलता है. इससे हाथों और पैरों में अधिक ठंड लगती है और शरीर में ब्लड सर्कुलेशन अनियमित होता है. ठंड से बचने के लिए कर सकते है ये टिप्स फॉलो (tips for cold season) आहार में बीज और नट्स शामिल करें; शरीर को ठंड से बचने के लिए हेल्दी मील लें और कैलोरी की मात्रा को बढ़ाएं. ताकि शरीर एनर्जी प्राप्त करे, हेल्दी फैट्स को अपने आहार में शामिल करें. आहार में सीड्स, नट्स, मौसमी फल और सब्जियां शामिल करें. एनीमिया को कम करने के लिए आयरन की भरपूर मात्रा भी लें कुछ समय तक व्यायाम करने से शरीर में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है. इससे शरीर स्वस्थ रहता है और दिन भर काम करता है. साथ ही ठंड लगने से बच सकते हैं. शरीर का तापमान नियमित रखने के लिए हर दिन वॉक करें. गर्म कपड़े आएंगे काम गर्म कपड़ों की लेयर्स के अलावा जुराब और टॉप भी पहनने का प्रयास करें. इससे शरीर गर्म रहता है और ठिठुरन घटती है. साथ ही कमरे के हीटर भी काम कर सकते हैं. शरीर का तापमान इसे सही बना रहता है. शरीर में होने वाले किसी भी बदलाव के लिए डॉक्टर की सलाह अवश्य लें. साथ ही उनकी बताई दवा लेकर स्वस्थ रहना चाहे. एनीमिया और थायराइड जैसे रोगों से बचने के लिए हर समय चेकअप कराना चाहिए.

Winter Tips for Skin
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Winter Tips for Skin: ऐसे रखेंगे पैरों का ध्यान, तो नहीं होंगे सर्दियों में परेशान

Winter Tips for Skin: अगर ठंड के मौसम में आप भी है ड्राई स्किन से परेशान तो हम यहां बताएंगे आपको इसके कुछ जबरदस्त टिप्स जिनको फॉलो करके आप इस परेशानी से निजात पा सकते है। वैसे तो ठंड सारे बॉडी के त्वचा पर असर डालती है मगर सबसे ज्यादा हमारे पैरों को सहना होता है। ऐसी स्थिति में जरूरी है कि हम अपने पैरों का सही तरह ध्यान रखें जिसे उनके ड्राइनेस बढ़ने से दरारें न पड़े वहीं अगर दरारों में संक्रमण हो गया तो ये एक गंभीर समस्या को जन्म दे सकती हैं क्यों सर्दी में ही हो जाते है रूखे पैर? Feet care: शुष्क मौसम आपकी त्वचा को ड्राई कर देता है जिससे वो अपनी नमी खो देती है। ऐसे में ज्यादातर हम अपने चेहरे और हाथों की देखभाल तो कर लेते है मगर अपने पैरों को नजरअंदाज कर देते है जिससे फटे हुए पैर की समस्या उत्पन्न होती है। हम यहां आपको कुछ ऐसे चमत्कारी टिप्स देंगे जिससे आपके पैरों की देखभाल भूत ही आसान हो जाएगी। पैरों को रखे गरम पानी में Tips for dead skin: पैरों को स्वस्थ रखने के लिए सबसे जरूरी है डेड स्किन (dead skin) को हटाना जिसके लिए उसे एक्सफोलिएट (exfoliate) करना सबसे अच्छा उपाय है। अपने पैरों को 20 मिनट तक गर्म पानी में डूबा कर रखे फिर फुट स्क्रबर या वॉशक्लॉथ की मदद से उन्हें साफ करें और उन्हें दिखाएं हर दिन करे मॉइश्चराइजर का इस्तेमाल सर्दी के दिनों में अक्सर हम चेहरे व हाथों में तो मॉइश्चराइजर लगा लेते है मगर पैर रह जाते है लेकिन आपको पैरों को स्वस्थ रखने के लिए रोज उनपर क्रीम लगानी चाहिए जिससे ड्राई स्किन का खतरा कम रहेगा।और पैरों की देखभाल सही तरीके से हो पाएगी । रात में करें मोजों का इस्तेमाल रात में मोजे पहन कर सोने की आदत आपको पैर संबंधी समस्याओं से बचा सकती है रात के वक्त अगर आप मॉइश्चराइजर या पेट्रोलियम जेली पैरों पर लगा कर मोजे पहन कर सोएंगे और सुबह सामान्य पानी से साफ करेंगे तो इससे आपके पैर कम फटेंगे। आरामदायक हो जूते सर्दियों में आपके पैरों को होने वाले नुकसान से बचाने के लिए आपको सही जूतों का चुनाव करना चाहिए जिससे आपके पैर आरामदायक महसूस करे

Vitamin D Rich Foods
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Vitamin D Rich Foods: सर्दियों में धूप की कमी से न हों परेशान, Vitamin D बढ़ाने के लिए आज ही डाइट में शामिल करें ये सुपरफूड्स

Vitamin D Rich Foods: आज कल Winter में धूप की कमी के कारण हमारे शरीर में अक्सर विटामिन डी(Vitamin D) की कमी हो जाती है। विटामिन डी हमारी हड्डियों को मजबूत बनाने और इम्यून सिस्टम को बेहतर बनाए रखने में अहम भूमिका निभाता है। इसकी कमी से थकान, कमजोरी और हड्डियों से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। अगर सर्दियों में आपको पर्याप्त धूप नहीं मिल रही है, तो चिंता करने की जरूरत नहीं है। अपनी डाइट में कुछ खास फूड्स शामिल करके आप आसानी से विटामिन डी की कमी को पूरा कर सकते हैं। 1. फैटी फिश सैल्मन, टूना और मैकेरल मछलियां विटामिन डी और ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर होती हैं। ये हड्डियों को मजबूत बनाने के साथ दिल और दिमाग की सेहत के लिए भी बेहतरीन हैं। इन्हें डाइट में शामिल कर आप पोषण और स्वाद का बेहतर संतुलन पा सकते हैं। 2. अंडे का पीला हिस्सा अंडे का पीला हिस्सा विटामिन डी का शानदार स्रोत है, जो हड्डियों को मजबूत बनाने और इम्यून सिस्टम को बेहतर रखने में मदद करता है। इसे रोजाना डाइट में शामिल करना फायदेमंद है। आप इसे उबालकर, ऑमलेट में या सलाद के साथ खा सकते हैं। स्वास्थ्य के लिए इसे जरूर अपनाएं। 3. मशरूम मशरूम विटामिन डी का प्राकृतिक और बेहतरीन स्रोत है। इसे अपनी डाइट में शामिल करके आप शरीर की विटामिन डी की जरूरत पूरी कर सकते हैं। आप मशरूम को सूप, सब्जी या सलाद में इस्तेमाल कर सकते हैं। यह स्वादिष्ट होने के साथ सेहत के लिए भी फायदेमंद है। 4. डेयरी प्रोडक्ट्स दूध और पनीर जैसे फोर्टिफाइड डेयरी प्रोडक्ट्स हड्डियों के लिए फायदेमंद हैं। रोजाना एक गिलास दूध पीने से शरीर को पर्याप्त विटामिन डी मिलता है। 5. फोर्टिफाइड फूड्स संतरे का जूस, सोया मिल्क और अनाज जैसे फोर्टिफाइड फूड्स विटामिन डी के बढ़िया विकल्प हैं। ये खाद्य पदार्थ न केवल पोषण से भरपूर हैं बल्कि सर्दियों में विटामिन डी की कमी को पूरा करने में भी मदद करते हैं। इन्हें अपने दैनिक आहार में जरूर शामिल करें। 6. दही और पनीर दही विटामिन डी और अन्य पोषक तत्वों का बेहतरीन स्रोत है। यह हड्डियों को मजबूत करने और इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद करता है। अपने भोजन में दही को शामिल करें, चाहे सलाद के रूप में खाएं या भोजन के साथ। यह स्वादिष्ट और सेहतमंद विकल्प है। इन सुपरफूड्स को डाइट में शामिल करके आप सर्दियों में भी विटामिन डी की जरूरत को आसानी से पूरा कर सकते हैं और खुद को स्वस्थ रख सकते हैं।

Honeymoon Destinations in Winter
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Honeymoon Destinations in Winter: सर्दियों में बजट में हनीमून के लिए ये है बेस्ट डेस्टिनेशन, खास पलों को बनाएं यादगार

Honeymoon Destinations in Winter: शादी के बाद हनीमून पर जाना सबको पसंद है और अब न सिर्फ यह एक परंपरा है, बल्कि नए जीवन की शुरुआत का खास हिस्सा भी बन चुका है. पहले यह चलन ज्यादातर विदेशों तक सीमित था, लेकिन अब हर जोड़ा इस मौके को खास और यादगार बनाने के लिए Honeymoon प्लान करता है. समय के साथ लोगों की आर्थिक स्थिति बेहतर हुई है, और अब कपल्स हनीमून पर खुलकर खर्च करने से नहीं हिचकते. हनीमून एक ऐसा अवसर है, जो नवविवाहित जोड़ों को एक-दूसरे को बेहतर समझने और साथ समय बिताने का मौका देता है. हालांकि, शादी के बाद एक परफेक्ट Honeymoon Destination चुनना कपल्स के लिए एक बड़ा टास्क बन जाता है, क्योंकि हर कोई चाहता है कि यह अनुभव बेहतरीन हो. अगर आप भी ऐसी जगह की तलाश में हैं, जो आपकी उम्मीदों पर खरी उतरे और बजट में भी फिट हो, तो हम आपके लिए कुछ बेहतरीन लोकेशन्स की लिस्ट लेकर आए हैं. 1. कश्मीर (Kashmir)क्यों जाएं: कश्मीर को धरती का स्वर्ग कहा जाता है, और सर्दियों में इसकी खूबसूरती बर्फबारी के साथ और बढ़ जाती है. हनीमून के लिए यहां के हिल स्टेशन गुलमर्ग, पहलगाम और सोनमर्ग परफेक्ट हैं.2. ऊटी (Ooty)क्यों जाएं: हनीमून के लिए बजट फ्रेंडली और खूबसूरत डेस्टिनेशन. ऊटी का शांत वातावरण और सर्दियों का ठंडा मौसम इसे खास बनाते हैं.3. मनाली (Manali)क्यों जाएं: मनाली हनीमून के लिए सबसे लोकप्रिय डेस्टिनेशन में से एक है, जहां दिसंबर में बर्फबारी का रोमांचक अनुभव लिया जा सकता है.4. ऊटी (Ooty), तमिलनाडुक्यों जाएं: “नीलगिरि की रानी” ऊटी सर्दियों में सस्ते और शांतिपूर्ण हनीमून के लिए एक परफेक्ट लोकेशन है.5. जैसलमेर (Jaisalmer)क्यों जाएं: थार रेगिस्तान में स्थित जैसलमेर एक अनूठा अनुभव प्रदान करता है.6. कोदाईकनाल (Kodaikanal)क्यों जाएं: यह दक्षिण भारत का खूबसूरत और शांत हिल स्टेशन सर्दियों में बेहतरीन डेस्टिनेशन है.7. गंगटोक (Gangtok)क्यों जाएं: सिक्किम की राजधानी गंगटोक एक रोमांटिक और शांत हनीमून डेस्टिनेशन है.8. द्वारका (Dwarka)क्यों जाएं: समुद्र तट और धार्मिक अनुभव के लिए द्वारका एक बेहतरीन विकल्प है.9. कांचीपुरम (Kanchipuram)क्यों जाएं: ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल कांचीपुरम शांत और सांस्कृतिक अनुभव के लिए बढ़िया है.10. मुन्नार (Munnar)क्यों जाएं: केरल में स्थित मुन्नार चाय बागानों के बीच एक रोमांटिक और शांत हनीमून डेस्टिनेशन है.

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