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How Farming Led to Earning Lakhs
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How Farming Led to Earning Lakhs: गुजरात का ये किसान PM मोदी की फेवरेट सब्जी उगा कर करता है लाखों की कमाई

How Farming Led to Earning Lakhs: गुजरात के पाटन जिले के राकेशभाई डेव पिछले नौ सालों से प्राकृतिक खेती कर रहे हैं और इससे उनकी आय दोगुनी हो गई है. 35 बीघा जमीन पर अनाज, दालों, प्याज और लहसुन जैसी सब्जियों कि प्राकृतिक खेती से उन्होंने अपनी जमीन को उर्वर और समृद्ध बना लिया है. राकेशभाई ने गाय आधारित खेती अपनाकर विषरहित अनाज कि उपलब्धता सुनिश्चित कि है. उनके इस सफल प्रयास को देखकर गांव के अन्य किसान भी प्राकृतिक खेती कि ओर रुख कर रहे हैं. राकेशभाई का कहना है कि वह पूरी जिंदगी प्राकृतिक खेती करेंगे. प्राकृतिक खेती में गायों का योगदान राकेशभाई डेव (Rakeshbhai Dave) ने प्राकृतिक खेती के लिए आठ देशी गायें पाली हैं, जिनका गोबर और गौमूत्र वह कृषि फसलों में इस्तेमाल करने के लिए ठोस जीवामृत बनाने में उपयोग करते हैं. यह ठोस जीवामृत गाय के गोबर और मूत्र के साथ अन्य पौधों से मिलाकर तैयार किया जाता है. राकेशभाई प्रत्येक 15 दिनों के अंतराल पर गाय के गोबर को सुखाकर इसे इकट्ठा करते हैं, और लगभग 35 दिनों में यह जीवामृत तैयार हो जाता है. आपको बता दे कि यह मिश्रण फसल(Mixed Farming) की स्थिति के अनुसार 15 से 21 दिन तक दिया जाता है, जिससे फसलों की गुणवत्ता और उत्पादन में वृद्धि होती है. इस प्राकृतिक और पारंपरिक उपाय से राकेशभाई की खेती में बेहतरीन परिणाम आ रहे हैं और उनकी भूमि भी उर्वर और समृद्ध बनी हुई है. उनका मानना है कि इस प्रक्रिया से न केवल फसलें, बल्कि मिट्टी भी स्वस्थ रहती है. इस तरह करते है खेती है कमाई राकेशभाई डेव ने पिछले दो सालों से सहजन, रयाडो और गेहूं कि खेती शुरू कि है और इस दौरान उन्होंने दो हजार सहजन पौधे लगाए हैं. आयुर्वेदिक दृष्टिकोण से सहजन स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है, इसलिए उन्होंने इस फसल पर विशेष ध्यान दिया. वह सहजन के पत्ते और सींग एक हर्बल कंपनी को बेचते हैं, जो इनसे पाउडर बनाती है. इस खेती से उन्हें सालाना एक लाख रुपये से अधिक कि अतिरिक्त आय हो रही है. सहजन की सब्जी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी पसंदीदा है, जिन्होंने इसे लेकर अपनी बात साझा की थी.

Effective Herbal Drinks to Boost Immunity
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Effective Herbal Drinks to Boost Immunity: इम्यूनिटी को मजबूत रखने के लिए पिएं ये हर्बल ड्रिंक, कभी नहीं होगी आपकी इम्यूनिटी वीक

Effective Herbal Drinks to Boost Immunity: फेस्टिव सीजन परिवार के साथ आनंद लेने का समय होता है, लेकिन इस दौरान तैयारियों के कारण भागदौड़ भी बढ़ जाती है, जिससे इम्यूनिटी कमजोर हो सकती है. मौसमी बदलाव, नींद की कमी और ज्यादा शुगर और ऑयली खाना इस कमजोरी को और बढ़ा सकता है. टीफिट की फाउंडर ज्योती भारद्वाज का कहना है कि एक मजबूत इम्यून सिस्टम बीमारियों से बचाव करता है.  हेल्दी ड्रिंक्स जैसे अदरक, हल्दी, नींबू और शहद इम्यूनिटी को प्राकृतिक रूप से बूस्ट करते हैं. हल्दी में करक्यूमिन, अदरक में सूजन को कम करने वाले गुण होते हैं, और नींबू में विटामिन C शरीर की रक्षा क्षमता को बढ़ाता है. प्रोबायोटिक ड्रिंक्स (Probiotic Drinks) प्रोबायोटिक ड्रिंक्स जैसे कोम्बूचा और केफिर पाचन तंत्र को स्वस्थ रखते हैं, क्योंकि इनमें लाभकारी बैक्टीरिया होते हैं. इसके अलावा, पानी शरीर में पोषक तत्वों को पहुंचाने और टॉक्सिंस को बाहर निकालने में मदद करता है, हर्बल टी और नारियल पानी भी इम्यूनिटी और शरीर की सेहत के लिए फायदेमंद हैं. ग्रीन टी और Herbal Drinks ग्रीन टी और हर्बल इंफ्यूजन, जैसे कि कैमोमाइल, अपने उच्च एंटीऑक्सीडेंट गुणों के लिए प्रसिद्ध हैं. एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर में फ्री रेडिकल्स से लड़ते हैं, जो सेल डैमेज और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस का कारण बन सकते हैं. ग्रीन टी का नियमित सेवन शरीर को टॉक्सिन्स से मुक्त करता है और इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है. इसके अलावा, कैमोमाइल जैसी हर्बल चाय गले की खराश को ठीक करने और तनाव कम करने में मदद करती है. इन पेय पदार्थों का सेवन करने से आपकी बीमारियों से लड़ने की क्षमता बढ़ सकती है. शुगर को कम करें (Effective Herbal Drinks to Boost Immunity) फेस्टिव सीजन में स्वीट ड्रिंक्स का सेवन बढ़ जाता है, लेकिन ज्यादा चीनी इम्यून सिस्टम को कमजोर कर सकती है और ब्लड शुगर लेवल बिगाड़ सकती है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि दिन की शुरुआत एक गिलास गर्म नींबू पानी से करें और दोपहर में ग्रीन टी पिएं, जिससे इम्यूनिटी बनी रहे.

Uttapam Winter Recipe
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Uttapam Winter Recipe: परिवार वालों को बनाकर खिलाएं टेस्टी पालक उत्तपम चाट, नहीं भूलेंगे स्वाद

Uttapam Winter Recipe: सर्दियों के मौसम में अक्सर लोगों को चटपटा खाने का मन करता है. वहीं, अगर आपके घर मेहमान आ रहे हैं या फिर आप अपने परिवार वालों को कुछ स्पेशल खिलाना चाहती हैं, तो उत्तपम पालक चाट सकती हैं. एक बार यह खाने के बाद परिवार वाले इसका स्वाद नहीं भूल पाएंगे। (Uttapam Winter Recipe) उत्तपम पालक चाट को बनाना भी बहुत आसान है. इस रेसिपी को बनाने के लिए सामग्री और विधि के बारे में बताया गया है. सर्दियों के मौसम में यह खाने में बहुत ज्यादा टेस्टी लगता है. सामग्री पालक की पूरी तैयार करने के लिए आपको जिन सामग्रियों को शामिल करना है वह बताया गया है. इसमें पालक प्यूरी, सूजी, नमक, दही,जीरा, हरी मिर्च, तेल. चाट बनाने के लिए सामग्री मैश किए हुए आलू, प्याज, हरी मिर्च, हरी चटनी , इमली वाली, मीठी चटनी , मसाला वाली बूंदी, सेव, अनार के दाने, चाट मसाला, लाल मिर्च पाउडर कार्ड बनाने के लिए यह सारी सामग्री एक साथ रख लीजिए. बनाने की विधि उत्तपम बनाने के लिए सबसे पहले एक कटोरा में आटा उड़द की दाल नमक बेकिंग पाउडर एक साथ मिला लीजिए. अब इसे एक दूसरे के साथ मिलने के बाद 15 से 20 मिनट के लिए रख दीजिए. पैन में तेल गर्म कीजिए अब आपको एक नॉन स्टिक पैन लेना है और इसमें तेल डालकर गर्म करना है. अब इसमें अपना तैयार किया हुआ मिश्रण डाल दीजिए और सुनहरे होने तक पका दीजिए. पालक चाट में मिलाएं ये चीजें अब पालक चाट बनाने के लिए सबसे पहले आपको पैन में तेल गर्म करना है. आप पलक की पत्तियां डाल सकते हैं इसे पकाने के बाद दही हरी मिर्च चटनी इमली की चटनी जीरा पाउडर गरम मसाला पाउडर और नमक मिला दीजिए. गरमा गरम उत्तपम है तैयार उत्तपम पालक चाट बनाने के लिए आपको दोनों को एक साथ मिला देना है इस तरह से आपका गरमा गरम चार्ट तैयार हो जाएगा.

Healthy Breakfast Ideas
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Healthy Breakfast Ideas: ब्रेकफास्ट में खाएं ये शानदार नाश्ता, पूरा दिन नहीं लगेगी भूख और वजन भी होगा कम

Healthy Breakfast Ideas: सुबह-सुबह चटपटे पराठे का स्वाद किसी से कम नहीं होता, खासकर जब इसे मां प्यार से बनाती हैं. सर्दी के मौसम में यह नाश्ता बेहद लाजवाब लगता है, लेकिन यह हमेशा सेहतमंद विकल्प नहीं होता. पराठे और चाय का कॉम्बिनेशन आपकी दिन की शुरुआत के लिए सबसे अच्छा नहीं माना जा सकता. यह आपकी सेहत पर नकारात्मक असर डाल सकता है, क्योंकि पराठे में ज्यादा वसा और कैलोरी होती है, जो वजन बढ़ने का कारण बन सकती है. अगर आप Breakfast में टोस्ट खाते हैं, तो यह ज्यादा हेल्दी साबित हो सकता है, लेकिन इसका असर इस बात पर निर्भर करता है कि आप टोस्ट किस प्रकार से तैयार करते हैं. साबुत अनाज की ब्रेड सफेद ब्रेड की तुलना में बेहतर होती है, क्योंकि इसमें कार्बोहाइड्रेट, आहार फाइबर, विटामिन और आयरन की अधिक मात्रा होती है, जो शरीर के लिए फायदेमंद होते हैं. तो आइये आज हम आपको बताते हैं कि आपको किस तरह का नाश्ता (Healthy Breakfast Ideas) ब्रेकफास्ट में करना चाहिए जो न सिर्फ सेहतमंद हो, बल्कि वजन कम करने में भी मददगार साबित हो. 1. सूजी उपमा डाइटिंग के दौरान ब्रेकफास्ट में सूजी उपमा एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है. इसमें अपनी पसंद की सब्जियां डालें, जिससे फाइबर मिलेगा और पेट लंबे समय तक भरा रहेगा. यह नाश्ता हल्का होने के साथ-साथ पेट को संतुष्ट रखने में मदद करता है. 2. दलिया दलिया एक और हेल्दी नाश्ता है, जिसमें भरपूर फाइबर होता है. यह शरीर को एनर्जी देता है और पेट से जुड़ी समस्याओं को दूर करने में मदद करता है. साथ ही, इसमें मौजूद फाइबर जल्दी भूख को शांत करता है, जिससे आप लंबे समय तक ताजगी महसूस करते हैं. 3. दूध और कॉर्नफ्लेक्स समय की कमी हो तो दूध और कॉर्नफ्लेक्स एक अच्छा ऑप्शन हो सकता है. कॉर्नफ्लेक्स में थियामीन होता है, जो मेटाबॉलिक रेट बढ़ाता है और वजन घटाने में मदद करता है. इसके अलावा, यह फाइबर से भरपूर होता है जो पेट को लंबे समय तक भरा रखता है. 4. पोहे पोहा नाश्ते में हल्का और आसान विकल्प है। इसमें आप अपनी पसंद की सब्जियां मिला सकते हैं, जो इसे पौष्टिक बनाती हैं। पोहे के साथ एक गिलास छाछ लेना भी फायदेमंद हो सकता है, क्योंकि यह पेट को भरा रखता है और शरीर को एनर्जी प्रदान करता है। 5. ओट्स ओट्स एक जल्दी बन जाने वाला और हेल्दी नाश्ता है. यह फाइबर से भरपूर और सुपर हेल्दी होता है, जो पेट को लंबे समय तक भरा रखता है. ओट्स का सेवन पेट, हार्ट और डायबिटीज के मरीजों के लिए भी फायदेमंद होता है, क्योंकि यह इन समस्याओं में सुधार लाता है. इन हेल्दी नाश्ते के विकल्पों को अपने डाइट प्लान में शामिल करें और अपने दिन की शुरुआत स्वस्थ तरीके से करें.

cold intolerance reason
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Cold Intolerance Reason: आपको भी लगती है सामान्य से ज्यादा ठंड, कहीं आप भी तो नहीं ठंड इनटोलरेंस का शिकार?

Cold Intolerance Reason: हर व्यक्ति का शरीर अलग है। जिन लोगों को गर्मी असहनीय लगती है, वे सर्द हवाओं से ठिठुरन महसूस करते हैं. इसलिए ठंड में सर्दी, जुकाम और जोड़ों में दर्द होता है. अगर आवश्यकता से अधिक ठंड महसूस करने और बहुत सारे लेयर्स पहनने की स्थिति को ठंड इन्टॉलरेंस कहा जाता है. ठंड के प्रति अधिक संवेदनशील लोगों को इस समस्या का सामना करना पड़ता है. जानें ठंडे इन्टॉलरेंस के कारण और इससे बचने के उपाय. ठंड लगने का खतरा खासतौर से उन लोगों को बना रहता है जिन्हें पुरानी स्वास्थ्य समस्याएं हैं या जिनके शरीर में वसा की कमी है. कपड़ों की लेसर्य को बढ़ाने, पोषण और स्वास्थ्य समस्याओं को कम करने और ठंडे इनटॉलरेंस को कम करने में मदद मिल सकती है. क्यों लगती है कुछ लोगों को इतनी ठंड (cold intolerance reason) 1-हाइपोथायरायडिज्म: हाइपोथायरायडिज्म भी ठंडे इनटॉलरेंस का एक बड़ा कारण है. हाइपोथायरायडिज्म होता है जब थायरॉयड ग्लैंड शरीर को आवश्यक थायरॉयड हार्मोन नहीं बना पाता है। वेट गेन और ठंड लगने की समस्या बनी रहती है. 2-खून की कमी: एनीमिया, या शरीर में स्वस्थ लाल ब्लड सेल्स की कमी, ठंड का कारण है. खून की कमी पीरियड के दौरान हैवी ब्लीडिंग, अच्छी तरह से खाने की कमी और आरबीसी बनाने में असमर्थ से होती है. ठंड लगना एनीमिया का पहला लक्षण है. खून की कमी हो सकती है जिसका कारण अनियमित मील खाना, बॉवल डिजीज, गर्भावस्था या रक्त की कमी हो सकती है. ऐसे में व्यक्ति को बेवजह थकान, कमजोरी, ठंडे हाथों और पैरों का अनुभव होता है. 3- विटामिन बी12 की कमी: शाकाहारी लोग विटामिन बी12 की कमी से पीड़ित होते हैं. ये अक्सर 50 वर्ष से अधिक उम्र वालों या गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल सर्जरी करवा चुके लोगों पर प्रभाव डालता है. ऐसे लोगों को ठंड लगने के अलावा कब्ज, दस्त, थकान, सांस लेने में तकलीफ और भूख न लगने का सामना करना पड़ता है. .4-डायबिटीज: डायबिटीज एक लाइफस्टाइल समस्या है जो तेजी से विकसित होती है. किडनी इससे प्रभावित होती है. यह समस्या डायबिटिक नेफ्रोपैथी कहलाती है. इससे ठंड लगने और नर्व डैमेज की समस्या बनी रहती है. इसके अलावा, ठंड से चेहरा, पैर और हाथ सूज जाते हैं. 5- नींद की कमी: स्लीप एंड थर्मोरेगुलेशन की एक रिपोर्ट के अनुसार, नींद की कमी सर्कैडियन क्लॉक को बाधित करती है, जो जागने और नींद का पैटर्न बदलना है. इससे हार्मोनल असंतुलन होता है, जो शरीर का तापमान बदलता है. इससे हाथों और पैरों में अधिक ठंड लगती है और शरीर में ब्लड सर्कुलेशन अनियमित होता है. ठंड से बचने के लिए कर सकते है ये टिप्स फॉलो (tips for cold season) आहार में बीज और नट्स शामिल करें; शरीर को ठंड से बचने के लिए हेल्दी मील लें और कैलोरी की मात्रा को बढ़ाएं. ताकि शरीर एनर्जी प्राप्त करे, हेल्दी फैट्स को अपने आहार में शामिल करें. आहार में सीड्स, नट्स, मौसमी फल और सब्जियां शामिल करें. एनीमिया को कम करने के लिए आयरन की भरपूर मात्रा भी लें कुछ समय तक व्यायाम करने से शरीर में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है. इससे शरीर स्वस्थ रहता है और दिन भर काम करता है. साथ ही ठंड लगने से बच सकते हैं. शरीर का तापमान नियमित रखने के लिए हर दिन वॉक करें. गर्म कपड़े आएंगे काम गर्म कपड़ों की लेयर्स के अलावा जुराब और टॉप भी पहनने का प्रयास करें. इससे शरीर गर्म रहता है और ठिठुरन घटती है. साथ ही कमरे के हीटर भी काम कर सकते हैं. शरीर का तापमान इसे सही बना रहता है. शरीर में होने वाले किसी भी बदलाव के लिए डॉक्टर की सलाह अवश्य लें. साथ ही उनकी बताई दवा लेकर स्वस्थ रहना चाहे. एनीमिया और थायराइड जैसे रोगों से बचने के लिए हर समय चेकअप कराना चाहिए.

Winter Tips for Skin
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Winter Tips for Skin: ऐसे रखेंगे पैरों का ध्यान, तो नहीं होंगे सर्दियों में परेशान

Winter Tips for Skin: अगर ठंड के मौसम में आप भी है ड्राई स्किन से परेशान तो हम यहां बताएंगे आपको इसके कुछ जबरदस्त टिप्स जिनको फॉलो करके आप इस परेशानी से निजात पा सकते है। वैसे तो ठंड सारे बॉडी के त्वचा पर असर डालती है मगर सबसे ज्यादा हमारे पैरों को सहना होता है। ऐसी स्थिति में जरूरी है कि हम अपने पैरों का सही तरह ध्यान रखें जिसे उनके ड्राइनेस बढ़ने से दरारें न पड़े वहीं अगर दरारों में संक्रमण हो गया तो ये एक गंभीर समस्या को जन्म दे सकती हैं क्यों सर्दी में ही हो जाते है रूखे पैर? Feet care: शुष्क मौसम आपकी त्वचा को ड्राई कर देता है जिससे वो अपनी नमी खो देती है। ऐसे में ज्यादातर हम अपने चेहरे और हाथों की देखभाल तो कर लेते है मगर अपने पैरों को नजरअंदाज कर देते है जिससे फटे हुए पैर की समस्या उत्पन्न होती है। हम यहां आपको कुछ ऐसे चमत्कारी टिप्स देंगे जिससे आपके पैरों की देखभाल भूत ही आसान हो जाएगी। पैरों को रखे गरम पानी में Tips for dead skin: पैरों को स्वस्थ रखने के लिए सबसे जरूरी है डेड स्किन (dead skin) को हटाना जिसके लिए उसे एक्सफोलिएट (exfoliate) करना सबसे अच्छा उपाय है। अपने पैरों को 20 मिनट तक गर्म पानी में डूबा कर रखे फिर फुट स्क्रबर या वॉशक्लॉथ की मदद से उन्हें साफ करें और उन्हें दिखाएं हर दिन करे मॉइश्चराइजर का इस्तेमाल सर्दी के दिनों में अक्सर हम चेहरे व हाथों में तो मॉइश्चराइजर लगा लेते है मगर पैर रह जाते है लेकिन आपको पैरों को स्वस्थ रखने के लिए रोज उनपर क्रीम लगानी चाहिए जिससे ड्राई स्किन का खतरा कम रहेगा।और पैरों की देखभाल सही तरीके से हो पाएगी । रात में करें मोजों का इस्तेमाल रात में मोजे पहन कर सोने की आदत आपको पैर संबंधी समस्याओं से बचा सकती है रात के वक्त अगर आप मॉइश्चराइजर या पेट्रोलियम जेली पैरों पर लगा कर मोजे पहन कर सोएंगे और सुबह सामान्य पानी से साफ करेंगे तो इससे आपके पैर कम फटेंगे। आरामदायक हो जूते सर्दियों में आपके पैरों को होने वाले नुकसान से बचाने के लिए आपको सही जूतों का चुनाव करना चाहिए जिससे आपके पैर आरामदायक महसूस करे

Kitchen Herbs For Stomach Relief
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Kitchen Herbs For Stomach Relief: आज ही डाइट में शामिल करें किचन में रखे ये हर्ब्स, पेट की सभी समस्याएं होंगी दूर

Kitchen Herbs For Stomach Relief: आजकल पाचन संबंधी समस्याएं बहुत आम हो गई हैं, जिसका मुख्य कारण गलत खानपान, अनियमित जीवनशैली और तनाव है. इन समस्याओं से बचने के लिए पाचन तंत्र को स्वस्थ रखना बेहद जरूरी है, क्योंकि आंतों की कमजोरी से खाना पचाने में परेशानी और मल त्यागने में कठिनाई हो सकती है. न्यूट्रिशनिस्ट लवनीत बत्रा के अनुसार, अगर पाचन तंत्र ठीक से काम नहीं करता, तो शरीर पोषक तत्वों का सही तरीके से अवशोषण नहीं कर पाता. ऐसे में, रसोई में मौजूद कुछ हर्ब्स का सेवन गट हेल्थ को बेहतर बना सकता है. अदरक, इलायची, मेथी, जीरा, और दारचीनी जैसी हर्ब्स पाचन को दुरुस्त रखने में मददगार साबित होती हैं. इन हर्ब्स को अपनी डाइट में शामिल करके आप आसानी से पेट की समस्याओं से निजात पा सकते हैं और आंतों को स्वस्थ रख सकते हैं पाचन के लिए फायदेमंद हर्ब्स (Kitchen Herbs For Stomach Relief) त्रिफला त्रिफला, आंवला, बिभीतकी और हरीतकी का मिश्रण है, जो पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करता है। इसका नियमित सेवन कब्ज, अपच, एसिडिटी और पेट की अन्य समस्याओं को दूर करता है। यह एक नेचुरल लैक्सेटिव है, जो मल त्याग को आसान बनाता है और आंतों को स्वस्थ रखता है. अदरक अदरक पाचन तंत्र के लिए बहुत फायदेमंद है. इसमें मौजूद जिंजरोल और शोगोल नामक तत्व पाचन को सही करते हैं. अदरक गैस, मतली, ऐंठन, सूजन और अपच जैसी समस्याओं से राहत दिलाता है. यह इम्युनिटी को भी मजबूत करता है और सर्दी-खांसी में भी राहत प्रदान करता है. मुलेठी मुलेठी पाचन तंत्र को सही रखने में मदद करती है और पेट के पीएच स्तर को संतुलित करती है. इसमें मौजूद ग्लाइसीर्रिजिन नामक तत्व सूजन को कम करने में मदद करता है, जिससे पाचन प्रक्रिया बेहतर होती है. इसके अलावा, मुलेठी गले की समस्याओं को भी ठीक करने में सहायक होती है और शरीर में होने वाली कई तरह की सूजन को कम करने में मदद करती है, जिससे स्वास्थ्य में सुधार होता है. एलोवेरा एलोवेरा के पत्तों में पाचन तंत्र को ठीक रखने वाले तत्व होते हैं. इसमें म्यूसिलेज नामक कंपाउंड पाया जाता है, जो पेट की समस्याओं को ठीक करने में मदद करता है और पाचन को बेहतर बनाता है. पुदीना पुदीना पाचन के लिए बेहद फायदेमंद है. इसमें मेन्थॉल नामक कंपाउंड होता है, जो पाचन तंत्र की मांसपेशियों को आराम देता है. यह अपच, गैस, और पेट दर्द में राहत प्रदान करता है और पेट को ठंडक महसूस कराता है, जिससे पाचन प्रक्रिया बेहतर होती है.

High Protein Vegetable
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High Protein Vegetable: अगर नहीं खाते हैं अंडे तो इस गोभी में मिल जाएगा सारा प्रोटीन, रहेंगे हेल्दी

High Protein Vegetable: प्रोटीन की कमी को पूरा करने के लिए लोग अंडे खाना पसंद करते हैं. जो लोग शाकाहारी होते हैं वह एंड नहीं खाते ऐसे में शरीर में प्रोटीन की कमी पूरी नहीं हो पाती है. अगर आप भी शाकाहारी (High Protein Vegetable) हैं और अंडा नहीं खाते हैं तो इसकी कमी को हरी सब्जी से पूरा कर सकते हैं. प्रोटीन की कमी को पूरा करने के लिए गोभी एक अच्छा स्रोत है जो आपको हेल्दी बनाए रखना है. दो गोभी में से कौन सा फायदेमंद सेहत के लिए गोभी एक ऐसी सब्जी है जो आपको हमेशा बीमारियों से दूर रखती है और हेल्दी रखती है. गोभी एक ऐसी सब्जी है जो शरीर में प्रोटीन की कमी को पूरा करता है. अभी दो तरह की होती है एक ब्रोकली और दूसरी सफेद गोभी इन्हें खाने से शरीर को जरूरी प्रोटीन मिल जाता है. ब्रोकली पूरी करेगी प्रोटीन की कमी जब आप एक अंडा खाते हैं तो आपके शरीर में 6 ग्राम प्रोटीन की कमी पूरी होती है। वहीं, अगर आप 100 ग्राम ब्रोकली कहते हैं तो आपके शरीर में 3 ग्राम प्रोटीन की पूर्ति हो जाती है. इस तरह से देखा जाए तो अंडे की जगह पर ब्रोकली प्रोटीन का एक अच्छा स्रोत माना जा रहा है. अगर आप शाकाहारी है अंडा नहीं खा रहे हैं तो प्रोटीन की कमी को इस तरह से पूरा कर सकते हैं. ब्रोकली खाने से कैंसर का खतरा कम अंडे में ज्यादा कैलोरी होती है वही ब्रोकली में कम होती है इसमें फाइबर भी होता है जो वजन कम करता है. ब्रोकली को खाने से दो तरह के फायदे मिलते हैं प्रोटीन की कमी का पूरा होना और मोटापा बिल्कुल ना बढ़ना। यह एक ऐसी हरी सब्जी है जो आपको एनर्जी देती है और हेल्दी रखती है. ब्रोकली खाने से कैंसर का खतरा भी नहीं रहता है. हड्डियां भी रहेगी मजबूत ब्रोकली में कैल्शियम और कॉलेजों होता है जो हड्डियों को मजबूत करने का काम करता है. ब्रोकली में विटामिन के पाया जाता है जो शरीर को फिट रखता है. इसके अलावा ब्रोकली में विटामिन सी भी होता है जो हमारे इम्यून सिस्टम को मजबूत रखना है और बीमारियां जल्दी नहीं लगती है.12

Mooli Paratha and Tea Combination
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Mooli Paratha and Tea Combination: मूली के पराठे के साथ ले रहे हैं चाय की चुस्की, तो हो जाएंगे इन बीमारियों का शिकार

Mooli Paratha and Tea Combination: सर्दियों के मौसम में कुछ चटपटा खाने का मन करता है ऐसे में पराठे लोगों को पराठे खाना बहुत पसंद होता है. पराठे कई तरह के होते हैं आलू, मूली, पनीर, पालक आदि. वहीं, अगर आप भी मूली के पराठे चाय की चुस्की के साथ ले रहे हैं तो यह बीमारी का शिकार बन सकता है. हालांकि, यह स्वाद में काफी अच्छा लगता है लेकिन मूली (Mooli Paratha and Tea Combination) की तासीर ठंडी होती है और चाय की तासीर गर्म होती है दोनों साथ मिलने के बाद नुकसान पहुंचाते हैं. मूली का पराठा और चाय पीने से बॉडी में बैलेंस नही होती जिसकी वजह से बीमारियां लग जाती है. मूली की तासीर मूली की तासीर ठंडी होने की वजह से इसके पराठे को चाय के साथ खाना हानिकारक हो जाता है. मूली खाने से पाचन तंत्र बेहतर रहता है इसमें पानी की मात्रा काफी ज्यादा होती है यह शरीर को हाइड्रेट रखता है. मूली खाने से शरीर के विषैले चीज निकल जाते हैं. चाय की तासीर चाय की तासीर गर्म होती है इसमें कैफीन और टैनिन पाया जाता है जो शरीर को गर्म करता है। चाय की तासीर गर्म होती है इसकी वजह से पाचन शक्ति भी तेज हो जाती है. अगर आपको भी चाय पीने का बहुत शौक है तो इससे एसिडिटी और पेट में जलन की प्रॉब्लम होने लग जाती है. मूली के पराठे और चाय का असर 1. मूली के पराठे के साथ अगर आप चाय पीते हैं तो इस तरह से पेट में गैस बन जाती है और पेट फूलने लगता है. 2. मूली के पराठे की ठंडी तासीर चाय के गर्म तासीर से मिलकर डाइजेशन सिस्टम को प्रभावित करती है। गैस की वजह से एसिडिटी की प्रॉब्लम होती है. 3. मूली के पराठे को चाय के साथ खाने से आंत में सूजन हो सकती है और जलन की समस्या भी हो सकती है. 4. मूली का पराठा और चाय एक साथ खाने से शरीर में कई तरह की समस्याएं बढ़ सकती है जिसमें सर्दी जुकाम और ऐंठन होती है. यह बातें जरूरी है 1. अगर आपको मूली के पराठे के साथ चाय पीना पसंद है तो आपको 1 घंटे का गैप रखना चाहिए. 2. मूली का पराठा खाने के बाद चाय को गुनगुने पानी की तरह पीना चाहिए. 3. मूली के पराठे के साथ दूध की चाय की बजाय सोफिया पुदीने से बनी हर्बल टी पी सकते हैं.

Weight Loss Vegetables
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Weight Loss Vegetables: वेट लॉस जर्नी में शामिल करें ये सब्जियां, नहीं होगी फूड क्रेविंग कम हो जाएगा वजन

Weight Loss Vegetables: सर्दियों के मौसम में गरम-गरम तालाब बना हुआ खाना खाने से वजन और भी ज्यादा बढ़ जाता है. वहीं, अगर आप सर्दियों के मौसम में वजन कम करने वाली सब्जियों(Weight Loss Vegetables) को खाती हैं, तो लटकती हुई तोंद भी झट से अंदर हो जाती है. सीजनल सब्जियां हमारे वजन को भी काम करने के लिए फायदेमंद होती है. सर्दियों के मौसम में गाजर मूली से लेकर चुकंदर तक सलाद की तरह काटकर खाया जाता है. गर्मियां ही नहीं बल्कि सर्दियों में कई फल भी मिलते हैं जो वेट लॉस की जर्नी के लिए फायदेमंद है. अगर आप भी वजन घटाने का मन बना चुके हैं तो इन सब्जियों के बारे में जान लीजिए जिन्हें खाने के बाद मोटापा कम होगा. हरी और पत्तेदार सब्जियां सर्दियों के मौसम में जितना हो सके हरी पत्तेदार सब्जियों को अपनी डाइट में शामिल करना चाहिए. जब आप इन सब्जियों को पेट भर के खाते हैं तो वजन कम होने लग जाता है. इन सब्जियों से आपको विटामिन और मिनरल मिलते हैं. सर्दियों में पालक बथुआ मेथी सरसों जैसी पत्तेदार सब्जियां डाइट में ऐड कर लीजिए. ब्रोकली सर्दियों के मौसम में ब्रोकली मार्केट में मिलने लग जाती है यह वजन को कम करने में मददगार है. अगर आप हर उपाय करके थक गए हैं तो ब्रोकली को खा सकते हैं यह स्टीम करके या फिर सलाद सूप के रूप में भी खाया जा सकता है. ब्रोकली में न्यूट्रिशन पाए जाते हैं जो वजन को कम करने में फायदेमंद है. शलगम सर्दियों के मौसम में शलगम भी मार्केट में खूब बिकता है लोगों को यह पसंद भी होता है. वेट लॉस करने के लिए आप इसे भी खा सकते हैं भरपूर मात्रा में फाइबर होता है. खाने से लंबे समय तक पेट भरा भरा सा रहता है. शकरकंद शकरकंद खाना वजन को कम करता है. शकरकंद में फाइबर होता है जो पेट को फूल रखता है. शकरकंद खाने से आपका वजन जल्द से जल्द काम हो जाता है फूड क्रेविंग भी नहीं होती जिसकी वजह से वेट लॉस आसानी से हो जाता है. चुकंदर चुकंदर को सर्दियों के मौसम में सलाद के रूप में खाया जाता है यह बॉडी में आयरन की कमी को पूरा करता है. अगर आपको भी अपना हीमोग्लोबिन बढ़ाना है तो चुकंदर खा सकते हैं. यह मोटापे को कम करता है. चुकंदर में हाई फाइबर होता है जो फूड क्रेविंग को काम करता है और वेट लॉस में फायदेमंद होता है.

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