Cold Intolerance Reason: आपको भी लगती है सामान्य से ज्यादा ठंड, कहीं आप भी तो नहीं ठंड इनटोलरेंस का शिकार?
Cold Intolerance Reason: हर व्यक्ति का शरीर अलग है। जिन लोगों को गर्मी असहनीय लगती है, वे सर्द हवाओं से ठिठुरन महसूस करते हैं. इसलिए ठंड में सर्दी, जुकाम और जोड़ों में दर्द होता है. अगर आवश्यकता से अधिक ठंड महसूस करने और बहुत सारे लेयर्स पहनने की स्थिति को ठंड इन्टॉलरेंस कहा जाता है. ठंड के प्रति अधिक संवेदनशील लोगों को इस समस्या का सामना करना पड़ता है. जानें ठंडे इन्टॉलरेंस के कारण और इससे बचने के उपाय. ठंड लगने का खतरा खासतौर से उन लोगों को बना रहता है जिन्हें पुरानी स्वास्थ्य समस्याएं हैं या जिनके शरीर में वसा की कमी है. कपड़ों की लेसर्य को बढ़ाने, पोषण और स्वास्थ्य समस्याओं को कम करने और ठंडे इनटॉलरेंस को कम करने में मदद मिल सकती है. क्यों लगती है कुछ लोगों को इतनी ठंड (cold intolerance reason) 1-हाइपोथायरायडिज्म: हाइपोथायरायडिज्म भी ठंडे इनटॉलरेंस का एक बड़ा कारण है. हाइपोथायरायडिज्म होता है जब थायरॉयड ग्लैंड शरीर को आवश्यक थायरॉयड हार्मोन नहीं बना पाता है। वेट गेन और ठंड लगने की समस्या बनी रहती है. 2-खून की कमी: एनीमिया, या शरीर में स्वस्थ लाल ब्लड सेल्स की कमी, ठंड का कारण है. खून की कमी पीरियड के दौरान हैवी ब्लीडिंग, अच्छी तरह से खाने की कमी और आरबीसी बनाने में असमर्थ से होती है. ठंड लगना एनीमिया का पहला लक्षण है. खून की कमी हो सकती है जिसका कारण अनियमित मील खाना, बॉवल डिजीज, गर्भावस्था या रक्त की कमी हो सकती है. ऐसे में व्यक्ति को बेवजह थकान, कमजोरी, ठंडे हाथों और पैरों का अनुभव होता है. 3- विटामिन बी12 की कमी: शाकाहारी लोग विटामिन बी12 की कमी से पीड़ित होते हैं. ये अक्सर 50 वर्ष से अधिक उम्र वालों या गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल सर्जरी करवा चुके लोगों पर प्रभाव डालता है. ऐसे लोगों को ठंड लगने के अलावा कब्ज, दस्त, थकान, सांस लेने में तकलीफ और भूख न लगने का सामना करना पड़ता है. .4-डायबिटीज: डायबिटीज एक लाइफस्टाइल समस्या है जो तेजी से विकसित होती है. किडनी इससे प्रभावित होती है. यह समस्या डायबिटिक नेफ्रोपैथी कहलाती है. इससे ठंड लगने और नर्व डैमेज की समस्या बनी रहती है. इसके अलावा, ठंड से चेहरा, पैर और हाथ सूज जाते हैं. 5- नींद की कमी: स्लीप एंड थर्मोरेगुलेशन की एक रिपोर्ट के अनुसार, नींद की कमी सर्कैडियन क्लॉक को बाधित करती है, जो जागने और नींद का पैटर्न बदलना है. इससे हार्मोनल असंतुलन होता है, जो शरीर का तापमान बदलता है. इससे हाथों और पैरों में अधिक ठंड लगती है और शरीर में ब्लड सर्कुलेशन अनियमित होता है. ठंड से बचने के लिए कर सकते है ये टिप्स फॉलो (tips for cold season) आहार में बीज और नट्स शामिल करें; शरीर को ठंड से बचने के लिए हेल्दी मील लें और कैलोरी की मात्रा को बढ़ाएं. ताकि शरीर एनर्जी प्राप्त करे, हेल्दी फैट्स को अपने आहार में शामिल करें. आहार में सीड्स, नट्स, मौसमी फल और सब्जियां शामिल करें. एनीमिया को कम करने के लिए आयरन की भरपूर मात्रा भी लें कुछ समय तक व्यायाम करने से शरीर में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है. इससे शरीर स्वस्थ रहता है और दिन भर काम करता है. साथ ही ठंड लगने से बच सकते हैं. शरीर का तापमान नियमित रखने के लिए हर दिन वॉक करें. गर्म कपड़े आएंगे काम गर्म कपड़ों की लेयर्स के अलावा जुराब और टॉप भी पहनने का प्रयास करें. इससे शरीर गर्म रहता है और ठिठुरन घटती है. साथ ही कमरे के हीटर भी काम कर सकते हैं. शरीर का तापमान इसे सही बना रहता है. शरीर में होने वाले किसी भी बदलाव के लिए डॉक्टर की सलाह अवश्य लें. साथ ही उनकी बताई दवा लेकर स्वस्थ रहना चाहे. एनीमिया और थायराइड जैसे रोगों से बचने के लिए हर समय चेकअप कराना चाहिए.